OLD MELODIES: सुकून से सराबोर सुरमई शाम में गूंजे बाॅलीवुड के दिलकश तराने
महाराणा प्रताप आॅडिटोरियम में मुंबई के अमर मकवाना और जयपुर के जेके पंवार के अरेंजमेंट में आयोजित हुआ कार्यक्रम ‘एक शाम सुर से सुकून के नाम’
धर्मेन्द्र छाबड़ा, रोली अग्रवाल, डाॅ. जीतेन्द्र मक्कड़, गीतका चतुर्वेदी, नीलम शर्मा, डाॅ. वर्षा तनु, जेके पंवार, केपी सक्सेना, मंजु शर्मा, नूपुर शर्मा, हिमांगी छाबड़ा और डाॅ. अर्पित काला गीतों ने दी सदाबहार गीतों को आवाज़
#Citylive जयपुर। महाराणा प्रताप आॅडिटोरियम रविवार की शाम बाॅलीवुड गीतों के चर्चित कार्यक्रम ‘एक शाम सुर से सुकून के नाम’ में गूंजे दिलकश तरानों से जीवंत रहा। मौका था इस कार्यक्रम सातवें सीजन का।
म्यूज़िक अरेंजमेंट का जिम्मा बाॅलीवुड के म्यूज़िक डायरेक्टर अमर मकवाना और जयपुर के जेके पंवार ने संभाला।
कार्यक्रम का महत्व इसलिए और भी बढ़ गया क्योंकि इसके म्यूज़िक अरेंजमेंट का जिम्मा बाॅलीवुड के म्यूज़िक डायरेक्टर अमर मकवाना और जयपुर के जेके पंवार ने संभाला। अमर मकवाना ने फिल्म जिंदगी तेरे नाम में बैकग्राउन्ड म्यूज़िक तथा काॅट बिटवीन कलर्स फिल्म में म्यूज़िक डायरेक्शन कर अपनी पहचान कायम की है। उनके साथ बाॅलीवुड के मशहूर वाॅयलिन वादक संजीव राव सहित 7 नामी संगतकारों ने विभिन्न वाद्यों पर कलाकारों की संगत कर गीतों को दिलकश बनाने में महत्सपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम की शुरुआत जे के पंवार ने हेमन्त कुमार के यादगार गीत “ये रात ये चंदानी फिर कहां ” की इसके बाद के पी सक्सेना ने रफ़ी साहब के गीत “रंग और नूर की बारात किसे पेश करूं, अब बारी थी एक खूबसूरत युगल गीत” एक तेरा साथ हमको दो जहान से प्यारा है.. जिसे धर्मेन्द्र छाबड़ा व गीतिका चर्तुवेदी ने अपनी मधुर आवाज़ से परोसा , माहौल को खुशनूमा कर दिया….
कार्यक्रम की अगली पायदान पर आए डाॅ. जितेन्द्र सिंह मक्कड़ ने ‘इक हंसी शाम को दिल मेरा खो गया’, धर्मेन्द्र छाबड़ा ने जब भी ये दिल उदास होता है और दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर जैसे गीतों को अपनी पुरसुकून आवाज़ में पिरोकर वहां मौजूद सैकड़ों लोगों का दिल जीत लिया।
गीतों की सुरीली अदायगी से संगीत प्रेमियों को सुकून की अनुभूति करवाई
धर्मेन्द्र छाबड़ा द्वारा बनाए सुरीले महौल को आगे बढ़ाते हुए गीतिका चतुर्वेदी ने यही वो जगह है जहां पे कभी हम मिले थे, नीलम शर्मा ने अजी रूठकर अब कहां जाईएगा, डाॅ. वर्षा तनु ने रहें ना रहे हम महका करेंगे, नूपुर शर्मा ने बाबू जी धीरे चलना, प्यार में जरा संभलना, प्रदेश की आयकर आयुक्त रोली अग्रवाल ने सईयां दिल में आना रे आके फिर ना जाना रे, हिमांगी छाबड़ा ने मुझको हुई ना खबर और हर्षवर्धन ने जग घूमिया थारे जैसा ना कोई , डॉ अर्पित कल्ला ने सोनू निगम का बहुचर्चित गीत”अभी मुझमें कहीं बाकी है थोडी , EHCC की मैनेजिंग डायरेक्टर मंजू शर्मा व डॉ जितेन्द्र मक्कड़ ने रफ़ी साहब व लता मंगेशकर जी का यादगार दिलकश युगल गीत “ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं , गीतों की सुरीली अदायगी से संगीत प्रेमियों को सुकून की अनुभूति करवाई।
कार्यक्रम में के पी सक्सेना व नूपुर शर्मा, धर्मेन्द्र छाबड़ा व गीतिका चतुर्वेदी, जे के पंवार व नीलम शर्मा, मंजू शर्मा व जितेन्द्र मक्कड़ तथा डाॅ. वर्षा तनु व धर्मेन्द्र छाबड़ा के गाए युगल गीत भी सुनते व देखते ही बनते थे।
इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति
धर्मेन्द्र छाबड़ा, रोली अग्रवाल, डाॅ. जीतेन्द्र मक्कड़, गीतका चतुर्वेदी, नीलम शर्मा, डाॅ. वर्षा तनु, जेके पंवार, केपी सक्सेना, मंजु शर्मा, नूपुर शर्मा, हिमांगी छाबड़ा, डाॅ. अर्पित काला।