सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर कंगना रनौत पर सेंसरशिप से किया इनकार

SC refuses to entertain plea against Kangana Ranaut

सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा किए गए सभी भविष्य के सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने और सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को एक साथ जोड़ने की मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि जनता के सदस्य के रूप में वह एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग नहीं कर सकता है और केवल शिकायतकर्ता या आरोपी ही इसकी मांग कर सकता है।

खंडपीठ के अनुसार, याचिकाकर्ता ने जो उपाय चाहा है वह अनुच्छेद 32 के तहत नहीं दिया जा सकता है और उसे आपराधिक कानून में उल्लिखित उपायों का लाभ उठाना होगा।

दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान कंगना की कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के चलते किसानों में गुस्सा फूट पड़ा था। देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक्ट्रेस द्वारा भविष्य में किए गए पोस्ट पर सेंसरशिप की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में यह पिटीशन दायर की गई थी। इसे एडवोकेट चरणजीत सिंह चंद्रपाल ने दायर किया था।

पिटीशन में कहा- कंगना का इरादा देश में दंगा कराने का था

चरणजीत ने पिटीशन में मांग की थी कि किसान आंदोलन के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए पूरे भारत में दर्ज सभी FIR को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाए। उन्होंने छह महीने की अवधि में चार्जशीट दाखिल करने के साथ-साथ दो साल में सुनवाई पूरी करने की भी मांग की थी। वकील ने कहा था कि कंगना की टिप्पणी और सोशल मीडिया पोस्ट ‘न केवल अपमानजनक थे, बल्कि उनका इरादा दंगा कराने का भी था।

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