GUJRAT ELECTION – इतिहास का सबसे प्रचंड जनादेश – लोगों ने जाति-वर्ग आदि विभाजन से ऊपर उठकर भाजपा को वोट दिया।
गुजरात के इतिहास का सबसे प्रचंड जनादेश भाजपा को देकर नया इतिहास रच दिया है। ढाई दशक से लगातार सरकार में रहने के बावजूद ऐसा प्यार अभूतपूर्व है।
BJP breaks all records in Gujarat
Prime Minister Narendra Modi on Thursday thanked his home state Gujarat and said he is “overcome with a lot of emotions seeing the phenomenal election results” in the assembly election.
जीत के सारे रिकार्ड टूटे
गुजरात में भाजपा ने अब तक के जीते के सारे रिकार्ड तोड़ दिए और लगातार सातवीं जीत का कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। गुजरात का संदेश पार्टी नेताओं के लिए भी है और कांग्रेस जैसे मुख्य विपक्षी दल के लिए भी।
पीएम ने कहा कि इस चुनाव में वोट देने वाले एक करोड़ से भी ज्यादा ऐसे वोटर्स थे, जिन्होंने कांग्रेस का कुशासन नहीं देखा, सिर्फ भाजपा की ही सरकार देखी। युवा सवाल पूछना जानते हैं। युवा तभी वोट देते हैं, जब उन्हें भरोसा दिखता है, जब उन्हें काम दिखता है। युवाओं ने भाजपा को वोट देकर संदेश दिया है कि उन्होंने हमारे काम को जांचा-परखा और उस पर भरोसा किया।
भाजपा 150 के पार, कांग्रेस 20 के अंदर सिमटी
गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 156 सीटें जीती हैं। उसे 2017 के मुकाबले 58 सीटों का फायदा हुआ है। वहीं, कांग्रेस को सबसे ज्यादा 60 सीटों का नुकसान हुआ है। पार्टी ने पिछली बार 77 सीटें जीती थीं। इस बार उसे 17 सीटें ही मिली हैं।
निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स ने गुजरात में 4 सीटें जीती हैं। दिलचस्प बात यह है चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। चुनाव नतीजों में बिल्कुल यही नजर आ रहा है।
विकास वाली योजनाएं चाहते हैं युवा
मोदी बोले- युवा भाजपा की विकास वाली योजनाएं चाहते हैं। युवाओं को न जातिवाद चाहिए न परिवारवाद। युवाओं का दिल विजन और विकास से ही जीता जा सकता है। जब महामारी के घोर संकट के बीच बिहार में चुनाव हुए थे, तब जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। महामारी के बाद यूपी समेत तमाम राज्यों में चुनाव हुए तब भी जनता ने भाजपा को चुना। आज जब भारत विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है, तब जनता का भरोसा भाजपा पर है।
हम सिर्फ घोषणा करने के लिए घोषणा नहीं करते
हम सिर्फ घोषणा करने के लिए घोषणा नहीं करते। हमारी हर घोषणा के पीछे एक रोडमैप होता है। देश आज शॉर्टकट नहीं चाहता। देश का मतदाता इतना जागरूक है, क्या उसके हित में है क्या उसके अहित में है, वह सब जानता है। वह शॉर्टकट की राजनीति का नुकसान जानता है। देश समृद्ध होगा तो सबकी समृद्धि तय है। हमारे पूर्वजों के पास अनुभव का अकूत भंडार था। हमारे पूर्वजों ने आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया वाली कहावत दी है।
अगर यह वाला हिसाब होगा तो क्या हाल होगा, यह हम अपने अड़ोस-पड़ोस में देख रह हैं। देश के सभी राजनीतिक दलों को सोचना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं होगा।
हमें इंडिया फर्स्ट की भावना के साथ आगे बढ़ना है
समाज के बीच खाई खोदने वालों को जनता देख भी रही है और समझ भी रही है। हमारा भविष्य फॉल्ट लाइन को गिराकर ही उज्ज्वल होगा। लड़ने के लिए सैकड़ों वजहें हो सकती हैं, लेकिन जुड़ने के लिए एक वजह काफी है, वो है हमारा भारत। जीने के लिए और मरने के लिए इससे बड़ी वजह और कोई नहीं हो सकती है। इसलिए हमें इंडिया फर्स्ट की भावना के साथ आगे बढ़ना है।
महिलाओं के लिए जितना भाजपा सरकार ने किया, उतना किसी ने नहीं किया
अगर कोई ईमानदारी से आत्म चिंतन करे तो आजादी के बाद से पहली बार आज देश में पहली ऐसी सरकार है जो महिलाओं की समस्याएं और जरूरतें समझने का प्रयास कर रही है और उनके लिए योजनाएं बनाने का काम कर रही है। हर महिला के लिए जितना भाजपा सरकार ने किया, उतना किसी ने नहीं किया। भाजपा के सात-आठ साल के काम अन्य सरकारों के पचास साल के काम से ज्यादा ज्यादा हैं।
आलोचनाओं ने भी हमें खूब सिखाया
2002 के बाद मेरे जीवन का कोई ऐसा पल नहीं रहा, जिसकी धज्जियां न उड़ाई गई हों, लेकिन मैं खुद में बदलाव लाता गया, सीखता गया। आलोचनाओं ने भी हमें खूब सिखाया। हमें अपनी शक्ति को बढ़ाना है। कठोर से कठोर, झूठे आरोपों को सहन करने वाला बनाना है। जुल्म बढ़ने वाला है, मुझ पर भी आप पर भी, क्योंकि ये हार नहीं पचा पाएंगे। हमें अपनी सहन शक्ति बढ़ाना है।